Allahabad High Court के जस्टिस Shekhar Kumar Yadav ने पिछले साल UCC को लेकर एक स्पीच दिया था. इसको लेकर खासा विवाद हुआ. खबर है कि Supreme Court उनके खिलाफ इंटरनल जांच शुरू करना चाहता था. लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि कोर्ट को ये जांच रोकनी पड़ी.
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के जस्टिस शेखर कुमार यादव (Justice Shekhar Kumar Yadav) के खिलाफ इंटरनल जांच शुरू करने वाला था. लेकिन राज्यसभा सचिवालय से एक लेटर मिलने के बाद इसको रोक दिया गया. लेटर में बताया गया कि इस मामले में कार्रवाई का अधिकार सिर्फ राज्यसभा को है. यह जांच जस्टिस यादव के विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम में दिए गए स्पीच को लेकर थी.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस शेखर कुमार यादव ने पिछले साल विश्व हिंदू परिषद के एक कार्यक्रम में विवादित स्पीच दिया था. सुप्रीम कोर्ट की जांच उसी स्पीच के सिलसिले में होनी थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने तत्कालीन CJI संजीव खन्ना को एक रिपोर्ट भेजी थी. जिसमें जस्टिस शेखर कुमार यादव की स्पीच पर सवाल उठाए गए थे.
इसके बाद CJI संजीव खन्ना ने जस्टिस यादव के आचरण की जांच करने के लिए प्रक्रिया शुरु की की. लेकिन मार्च में राज्यसभा सचिवालय से लेटर मिलने के बाद इसको रोक दिया गया. इस लेटर में बताया गया था कि इस तरह की किसी भी कार्यवाही का संवैधानिक आदेश केवल राज्यसभा के अध्यक्ष, संसद और राष्ट्रपति के पास है.
इससे पहले फरवरी में राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा था कि यह मामला केवल संसद और राष्ट्रपति के अधिकार क्षेत्र में आता है. उन्होंने 13 फरवरी को संसद में कहा,
