पिछले 20 सालों में भारतीय मूल के लोगों का रुझान लगातार डेमोक्रेट्स की ओर रहा है. उन्होंने चंदा भी इसी पार्टी को दिया और समर्थन भी.
भारत में भले ही रिपब्लिकन नेता डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) की चुनावी जीत के लिए हवन हुए हों. लेकिन अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों को ट्रंप की ‘एंटी पार्टी’ ही भाती है. ट्रंप की ‘एंटी पार्टी’ यानी डेमोक्रेट्स. यानी बराक ओबामा, हिलेरी क्लिंटन और कमला हैरिस की पार्टी. पिछले कई चुनावों में ये देखा गया है कि भारतीय अमेरिकियों ने आर्थिक तौर पर रिपब्लिकन के मुकाबले डेमोक्रेट्स उम्मीदवारों को ज्यादा समर्थन दिया है.
साल 2020 में हुए ट्रंप बनाम बाइडन वाले राष्ट्रपति चुनाव में भारतीय-अमेरिकियों ने डेमोक्रेट्स को करीब 46 मिलियन डॉलर दान दिए, जबकि रिपब्लिकन उम्मीदवारों को केवल 16 मिलियन डॉलर ही मिले.
अशोका यूनिवर्सिटी के कर्णव पोपट, विष्णु प्रकाश और मिशिगन यूनिवर्सिटी के जॉयजीत पॉल ने 1998 से 2022 तक के आंकड़ों का अध्ययन करके यह निष्कर्ष निकाला है. उनका मानना है कि ट्रंप ने भारत पर जो टैरिफ लगाए हैं, उसकी एक वजह यह भी हो सकती है कि भारतीय-अमेरिकियों ने चुनावों में उन्हें ज़्यादा समर्थन नहीं दिया.
पिछले 20 सालों में भारतीय मूल के लोगों का रुझान लगातार डेमोक्रेट्स की ओर रहा है. उन्होंने चंदा भी इसी पार्टी को दिया और समर्थन भी. आज अमेरिकी कांग्रेस में 6 भारतीय-अमेरिकी सांसद हैं और सभी डेमोक्रेट्स हैं.
