बहुत ज़्यादा पानी पीने से हायपोनेट्रेमिया होने का रिस्क है. हायपोनेट्रेमिया यानी खून में सोडियम का लेवल कम होना.
‘पानी खूब पियो, ये किडनी के लिए बहुत अच्छा है.’
हम अक्सर डॉक्टरों से ये सुनते हैं. वजह भी साफ है. जब आप कम पानी पीते हैं, तो किडनियां अपना काम ठीक से नहीं कर पातीं. वहीं जब आप ज़रूरत जितना पानी पीते हैं, तो किडनियां अच्छे से काम करती हैं.
लेकिन यहीं एक सवाल भी उठता है. क्या बहुत ज़्यादा, यानी ज़रूरत से ज़्यादा पानी पीना किडनी के लिए नुकसानदेह हो सकता है?

फोर्टिस हॉस्पिटल, दिल्ली के नेफ्रोलॉजी डिपार्टमेंट में कंसल्टेंट, डॉक्टर भानु मिश्रा से जानते हैं.
डॉक्टर भानु बताते हैं कि बहुत ज़्यादा पानी किडनी को नुकसान नहीं पहुंचाता. बल्कि इससे किडनी में पथरी बनने का रिस्क कम हो जाता है. लेकिन हां, इसका शरीर पर दूसरे बुरे असर ज़रूर हो सकते हैं. जैसे हायपोनेट्रेमिया.
हायपोनेट्रेमिया यानी खून में सोडियम का लेवल कम होना. जब कोई बहुत ज़्यादा पानी पीता है, तो शरीर में सोडियम पतला हो जाता है. पानी का लेवल बढ़ जाता है और शरीर के सेल्स सूजने लगते हैं.
सेल शरीर का बेसिक यूनिट हैं. यानी पूरा शरीर इन्हीं सेल्स से मिलकर बना है. इसलिए इनके सूजने से कई दिक्कतें हो सकती हैं. जैसे सिरदर्द और चक्कर आना. उबकाई या उल्टी होना. मांसपेशियों में कमज़ोरी या ऐंठन. ध्यान लगाने में मुश्किल आना. कंफ्यूज़न. गंभीर स्थिति में दौरे पड़ सकते हैं. व्यक्ति कोमा तक में जा सकता है.
